मिलेगा मुझे किसी से कभी तो सच्चा प्यार।
यही सोच करता रहा इंतजार,
पर तभी आया एक ख्याल,
कब तक बैठा रहूगां,मै यूं इस हाल,
कोई और भी तो कर रहा होगा यही ख्याल,
तो क्यू न पहले मै ही कर दू यह शुरूआत,
और देखो अभी सोचा ही था,
कि किससे करू शुरूआत ,
आया संदेश एक मित्र का,
कि कर रहा था तुझे आज ही मै याद ,
रूका न गया सो आया मन मे,
कि पूछू पहले तुम्हारा हाल,
अभी इधर एक और बात हुई,
जाने क्यू पत्नि से भी मीठी सी बात हुई,
उधर से बहन का भी फोन जो आया ,
उसने कईयो का हाल बताया,
पता नही ये क्या हुआ,
हर तरफ प्यार ही प्यार हुआ,
माॅ के पास बैठा तो बडा ही सुकून मिला,
मुझे लगा जैसे उनसे बरसो बाद मिला,
जबकि रहते तो शुरू से ही साथ थे ,
पर सुने उनकी ,सुनाए अपनी ,
करते कहा इतनी बात थे।
यह सिर्फ एक ख्याल "प्यार "के ,
आने के कारण हुआ,।
अभी तो प्यार किया भी नही ,
कितनी शंकाओ का निवारण हुआ।
बात अब समझ मे आई,
कि सच्चा प्यार नही है कही और मेरे भाई,
ये तो भीतर है सबके,
निकालो बाहर,क्यू रखा है छिपाकर सबसे,
यही तो मांग रहे हो न,
फिर क्यू न बांट रहो हो ,हां।
आओ पाए सच्चा प्यार,
जो मिलेगा बांटने के बदले,
सो आओ लुटाए यह मेरे यार।
ताकि खुल जाए बंद दिलो के भी दरवाजे,
आओ खटखटाए, उनके भी दरवाजे,
जो खुले थे ,पर हमने समझा बंद है,
सो नही देखा तक खटखटाके।
क्या सोच रहे हो ,
अब तो आ गया भटका वापस,
क्यू न यह दरवाजा खोल रहे हो,
आओ बांटे ,लुटाए,छीने,दिलाए ,
सबकुछ करे बच्चा सा बनके,
प्यार सच्चा ही होता है सदा,
यह रहता नही बनावटी बन के।
ले लो ,ले लो , मेरा सच्चा है या झूठा ,
जैसा भी लगे प्यार,
न देना बदले मे वापिस ,
मुझे नही है इसकी दरकार,
क्योकि जानता है संदीप लुटाऊगाॅ,
तो ही पाॅऊगा, ऐसे थोडे ही,
घाटे का सौदा कर जाऊंगा।
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स्वरचित मौलिक रचनाकार, Sandeep Sharma Sandeepddn71@gmail.com Sanatansadvichaar.blogspot.com,
Jai shree Krishna g
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