जय श्रीकृष्ण। सभी मित्रगण सुधिजन ,पाठकगण, व,आदरणीय जन को राधे राधे के स्नेहिल अभिनंदन के बाद मीठी सी जय श्रीकृष्ण। साथियो अक्सर कहते सुना है भज ले हरि का नाम तू बंदे फिर पाछे पछताएगा। या गुरू धारण कर लिया तो आवश्यक है सुमिरन। सुमिरन है क्या ? क्यू आवश्यक है लाभ हानि सब की चर्चा करेगे यहा। तो आइए पहले जाने कि :- *सुमिरन है क्या ? सुमिरन अर्थात सिमरन। यानि पुनः पुनः किसी मंत्र या नाम का दोहराव या उच्चारण करना।। पुनः पुनः ,बार बार। आखिर बार बार क्यू? तो कारण स्पष्ट है मन की गति तीव्र है ,चलायमान है,चंचल है मन,अस्थिर है वायु की भांति टिकता नही शायद वायु के गुण लिए है सो इस अस्थिर व चंचल मन को स्थिरता देने के लिए अभ्यास की आवश्यकता है यह अभ्यास सिमरन कर पूरा किया जा सकता है।एक कारण यह है । दूसरे और भी कई महत्वपूर्ण कारण है।मसलन अपना उद्धार। हम अपने मन को नियंत्रित नही कर सकते कारण।इसकी तीव्र गति व चलायमान होना ।भौतिक विज्ञान मे समय चक्र को समझे जिसे time speed से समझते है हम।तो यह पूर्व व भावी के साथ वर्तमान को भी लिए है ।मन को एक संत ने सूक