तेरे होने का आभास, मेरे सब "खिलते एहसास,, " तेरे ख्वाब और तेरे ख्याल, कहते मेरे दिल के सब हाल,, इक बेतकल्लुफ सी बहकी कशिश, चाह है मिलन की ,जिसकी इश्क, दिल का मिलना सिर्फ रूहानी न कि आग हो, सिर्फ जिस्मानी,, तेरा हर इक जो भी अंदाज, मेरे सब " खिलते एहसास, " तुम्हारा आलिंगन, तुम्हारा चुंबन, आलोकित करता रूह तक गुंजन,, तुम्हारे मिलन की बस इक आस, सब मेरे है " खिलते एहसास। " तुम्हारी महक,तुम्हारी वो चहक, खिलखिलाती हॅसी की बहक,, कितनी मिटाती है मेरी प्यास, है खूबसूरत" खिलते एहसास, " तुम्हारी नाजुक सी कलाई, जिसमे चूड़ी खनखनाई,, तुम्हारे माथे की वो बिंदिया, आने दे न ऑखो मे निंदिया,, तुम्हारे गोरे से कोमल पाॅव, जैसे,सुकून देता राहगीर को गांव,, तुम्हारे कुंचित,काले केश, जैसे आए बदरा देश, तुम्हारी खनखनाती आवाज, मेरे मन के कोमल भाव, तुम्हारी पैरो की छमछम पैजनिया, कैसे कहू दिल की रूनझुनियां, तुम्हारी बलखाती सी चाल , सब है मेरे "खिलते एहसास, " तुम्हारी नजरो का शर्माना, देखना,और फिर, नजरे चुर